भारत का एक आम मज़दूर, जिसकी कड़ी मेहनत से आप लोग ऐशो-आराम वाले जीवन बिताते है। हाँ वहीं मजदूर, जो आपकी गली मोहल्ले में काम करते है। चाहे हो वो कैसा भी काम छोटा-बड़ा , या लगे वो काम इनसे नहीं हो पाएगा, फिर भी उसे अपनी जी-जान लगाकर करते है। हाँ-हाँ आप सही सोच रहे है ये सिर्फ आपके लिए नहीं करते, बल्कि ये इनसे इनका भूखा पेट करवाता है।
चलिए आपको इतना तो पता है कि ये सब इन्हें अपने पेट
भरने ,अपने परिवार चलाने के लिए करना पड़ता है। तब तो आप ये भी जानते होंगे कि जो ये
रोज कमाते है उसी से इनका घर चलता है। आपलोगो के तरह यह लोग अपनी कमाई को बचा कर नहीं
रख पाते है, जिस दिन जितनी कमाई हुई उस दिन उसी से इनका गुजारा होता है। कभी इनके घर
में कुछ दुर्घटना हो जाय या कभी इसे तत्कालीन पैसों की आवश्यकता हो तो ये सब आप ही
जैसे बड़े लोगो से उधार लेकर काम चलाते है।
आप लोगो को तो पता होगा, ये पिछले एक महीने से बेरोजगार है। आप लोग ये अनुमान लगा सकते है कि इनका जन-जीवन कैसे चल रहा होगा? अपने बच्चों को भूखा पेट सोता देख इनका जीवन कैसे कट रहा होगा? साहब, आप लोग तो बड़े लोग है, आप लोग हँसी-खुशी अपने परिवार के साथ जीवन बिता रहे होंगे। पर उन गरीबों का क्या जो पहले अपने रोज की कमाई से किसी तरह जीवन बिता रहे थे, अब ना जाने किस तरह अपना पेट पाल रहे है। कोरोना ने तो इन्हें कहीं का नहीं छोड़ा। कोई काम नहीं, कोई पैसा नहीं, काम करना चाहे फिर भी इनको कोई काम नहीं देगा। आज देश के सैकड़ों मजदूर मजबूर-लाचार हो गए है..!! हाँ, जो हर असंभव से असंभव काम करने को तैयार रहते थे आज वो कमजोर हो गए है। आप लोग तो बड़े लोग है, आप लोगो की ऊपर तक पहुंच है, आप लोग ही कुछ कीजिए। इनके बच्चों का पेट किसी तरह भर दीजिए, ये लोग तो अब भी तैयार है कुछ भी करने को क्योंकि कोई भी अपने घर-परिवार को इस तरह बिखरते नहीं देख सकते।
सरकार ने जरूर कुछ पैसे , राशन देने का प्रबंध किया
है, पर ऐसा कब तक चलेगा? कुछ दिनों तक उससे काम तो चल जाएगा पर कब तक इनका ये हाल रहेगा?
कोरोना खत्म होने के बाद भी इनका क्या होगा, इनसे काम कौन करवाएगा? सबको डर रहेगा अपने
ही जान का, इनकी तो कोई फ़िक्र ही नहीं करेगा। ये तो तैयार है अपने परिवार के लिए हर
हाल में काम करने को, पर इन्हें काम कौन देगा?
भारत सरकार से इनका अनुरोध है कि देश के विभिन्न राज्यों में जो भी कारखाना बन्द पड़ा है कृपया उसे चालू करवाए। इससे आपका तो फायदा होगा ही साथ में देश के हर छोटे शहर के लोगो को बाहर जाकर काम करने की भी आवश्यकता नहीं होगी। वो अपने शहर में रह कर काम करेंगे और देश के सभी मजदूरों का इससे बड़ा उद्धार हो जाएगा।
-सनोज कुमार द्वारा लिखित