थी वो मुझसे काफी सीनियर,
पर मुझे कुछ खास लगती थी।
लड़की थी वो थोड़ी सीधी,
लड़की थी वो थोड़ी सीधी,
पर मेरे दिल में राज़ करती थी।
मेरा तो पहला साल ही था,
पर उसका था आखरी।
फिर भी उसने मेरे दिल की दरवाजे पर
फिर भी उसने मेरे दिल की दरवाजे पर
दस्तक दे मारी।
मैं तो तलाश में ही था किसी ऐसे की,
जो मुश्किलों में साथ दे मेरा।
पता नहीं कब और कैसे उसकी अदाओं का,
पता नहीं कब और कैसे उसकी अदाओं का,
दिल पर मेरे पड़ गया पहरा।
ना जाने क्या थी उसमे ख़ास बात,
होंने लगा मुझें प्यार का एहसास।
कभी लंच तो कभी डिनर के साथ,
कभी लंच तो कभी डिनर के साथ,
हमेशा रहती थी मुझको उससे मिलने की आस।
बहुत सोच समझकर आखिरकार,
हमनें साझा किया अपने दिल का हर राज़।
तब पता चला वो तो कब से बेचैन थी,
जानने को मेरे दिल के हर जज़्बात।
घूमना-फिरना मौज-मस्ती,
सब लम्हें हमनें भी जियें।
जब आई बिछड़ने की बारी,
वो पल भी हम एक-दूसरे के साथ दिए।
सब लम्हें हमनें भी जियें।
जब आई बिछड़ने की बारी,
वो पल भी हम एक-दूसरे के साथ दिए।
अब तो दूरियां बढ गई थी,
साथ में गलतफहमी पनपने लगी थी।
उसको देना था कैरियर पर ध्यान,
इसलिए में भी हो गया उससे अंजान।
अभी तो रह रहा हूं उससे दूर,
पर दिल उसी के पास है।
गर्लफ्रैंड तो काफी बनी,
पर आज भी वो मेरे लिए खास है।
साथ में गलतफहमी पनपने लगी थी।
उसको देना था कैरियर पर ध्यान,
इसलिए में भी हो गया उससे अंजान।
अभी तो रह रहा हूं उससे दूर,
पर दिल उसी के पास है।
गर्लफ्रैंड तो काफी बनी,
पर आज भी वो मेरे लिए खास है।
*****
#thehiddenwritersk
#writer #author #poem #poetry #hindi #hindiwriters #hindipoetry #pen #writing #writersofinstagram #love #pyar #romance