मेरे ही देश में,
मुझे सब भूल गए है।
मुझे जानने के बजाय,
नजरअंदाज कर रहे है।
एक वक़्त था,
जब मेरा ही राज होता था।
अंग्रेजो के शासन से पहले,
मेरा खूब मान होता था।
अंग्रेज़ तो चल दिए,
पर मेरा महत्व छीन गए।
हिंदी के स्थान पर,
अपनी भाषा फैला गए।
मुझे अन्य भाषा से दिक्कत नहीं,
पर मेरा भी मान होना चाहिए।
जिस देश ने मुझे जन्म दिया,
वहां मेरा भी ज्ञान होना चाहिए।
आज मुझे जानने वालो को,
कोई महत्व ही नहीं देता है।
क्षमता देखने से पूर्व ही,
उसे मूर्ख जान लेता है।
मेरी तो यही गुज़ारिश है,
मेरा अस्तित्व मुझसे ना छिनो।
दूसरे भाषा का ज्ञान लो,
पर मेरे ज्ञाता को भी सम्मान दो।
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मुझे सब भूल गए है।
मुझे जानने के बजाय,
नजरअंदाज कर रहे है।
एक वक़्त था,
जब मेरा ही राज होता था।
अंग्रेजो के शासन से पहले,
मेरा खूब मान होता था।
अंग्रेज़ तो चल दिए,
पर मेरा महत्व छीन गए।
हिंदी के स्थान पर,
अपनी भाषा फैला गए।
मुझे अन्य भाषा से दिक्कत नहीं,
पर मेरा भी मान होना चाहिए।
जिस देश ने मुझे जन्म दिया,
वहां मेरा भी ज्ञान होना चाहिए।
आज मुझे जानने वालो को,
कोई महत्व ही नहीं देता है।
क्षमता देखने से पूर्व ही,
उसे मूर्ख जान लेता है।
मेरी तो यही गुज़ारिश है,
मेरा अस्तित्व मुझसे ना छिनो।
दूसरे भाषा का ज्ञान लो,
पर मेरे ज्ञाता को भी सम्मान दो।
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