अकेलापन
घोर सन्नाटा में भी,
मेरे अंदर शोर होता रहता है।
सब कुछ ठीक ठाक,
फिर भी मन बैचन रहता है।
हंसता हूं, मुस्कुराता हूं,
किंतु मन अंदर से उदास रहता है।
ना किसी से मन मुटाव,
फिर भी दिमाग खराब रहता है।
आस पास काफी भीड़ है,
फिर भी मैं खुद को तन्हा पाता हूं।
अपने अकेलापन से ही,
शायद मैं परेशान रहता हूं।
*****