चार कदम और चल कर
थक गए, हार गए,
थोड़ा धैर्य और नहीं रख सकते?
चार कदम और चल कर,
हो सकता है मंजिल पा लेते।
लक्ष्य पास दिखती है,
करीब जाने से दूरियां पता चलती है।
जितना कठिन राह हो,
जीत का आनंद उतनी मिलती है।
चार कदम और चल जाना,
जल्दीबाजी कर बाद में ना पछताना।
हो सकता है रास्ता बदलना पड़े,
किंतु मंजिल की और चलते जाना।
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