दर्द और तू
दुनिया की लाख समस्या,
तेरे आंचल के नीचे सब सुलझा लगता है।
भले ही दर्द दे यह जालिम समाज,
सर पर तेरे हाथ से सब अच्छा लगता है।
लगता है खुदा तू ही है,
मेरे हर जख्म की मरहम तुम्हारे पास है।
मैं लड़ लेता हूं बुराइयों से,
क्योंकि पता है, मेरी मां मेरे साथ है।
जननी हो तुम मेरी,
जीवन के हर मोड़ पर हौसला बढ़ाती हो।
ना हो डॉक्टर, ना कोई महान ज्ञानी
फिर भी हर दर्द का दवा बन जाती हो।
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