दिल के इशारे
थोड़ा समझो ना,
मेरे दिल के इशारे।
मैं जो जी रहा हूं,
बस तेरे ख्वाब के सहारे।
तुम सारी पहन,
अपनी बात मनवाती हो।
कभी मैं तेरे पसंद का पहनु,
तो क्यों ना मेरा हाल समझती हो।
जुबां को थोड़ा आराम दो,
दिल की बात नजरों से बयां करो।
यदि मेरे इज़हार का इकरार हो,
बोलो मत, कुछ इशारा ही कर दो।
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