एक प्रेम कहानी
मैं नज़्म लिखने वाला,
वो भजन गुनगुनाने वाली।
मैं नमाज अदा करने वाला,
वो महादेव की पुजारी।
मैं दाहिने से लिखने वाला,
वो उसे उल्टा कहने वाली।
मैं रोजा रखने वाला,
वो उपवास करने वाली।
मैं कबूल है बोलने वाला,
वो साथ फेरे लेने वाली।
मैं सवैया खाने वाला,
वो खीर की दीवानी।
मैं हरा को मानने वाला,
वो भगवा धारी।
मैं उसे समझने वाला,
वो मुझे समझने वाली।
हमारी यह दीवानगी,
बन गई एक प्रेम कहानी।
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