कौन हो तुम?
स्वयं को जानो,
दूसरों की बातों को ना सब कुछ मानो।
लोग तुम्हारी बात मानेंगे,
पहले तुम खुद को मूल्यवान बनाओ।
मन विचलित है,
ध्यान योगा से एकाग्र करो।
दुनिया से इज्जत पाने के लिए,
पहले तुम खुद से लड़ो, संघर्ष करो।
हृदय की बात को प्राथमिकता दो,
लोगो की बातों को सुझाव मानो।
सुनो, समझो, सोचो,
किंतु अपनी भी क्षमता पहचानो।
शांत चित्त कर,
पूछो अपने आप से कौन हो तुम?
उत्तर मिल जाए तो,
लक्ष्य की और बढ़ जाओ तुम?
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