घर की नज़रे,
कहलाती है खिड़कियां।
गैरों पर भी निगाहे,
बनाए रखती है खिड़कियां।
आस पड़ोस वालो की,
हाल चाल बयान करती है खिड़कियां।
चार लोग क्या कहेंगे का
डर की वजह होती है खिड़कियां।
कहीं पारदर्शी तो कहीं
एकतरफा होती है खिड़कियां।
यदि दरवाज़े बंद हो तो,
आपातकाल में काम आती है खिड़कियां।
बंद कमरे में भी हर मौसम का,
आनंद दिलाती है खिड़कियां।
दिन में धूप तो,
रात में हवा दिलाती है खिड़कियां।
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