दुश्मन मार ना सका इन्हें,
ऊपर वाला भी हार माना है।
आखिरकार पहाड़ियों से टकराकर,
इन्हें शहीद का ताज पहनाया है।
फौज की शान, फौज की मान बढ़ाया है,
हम सब को फौज में जाने को उकसाया है।
जो कर ना सका और कोई,
वो बिपिन रावत ने कर दिखाया है।
अपने मेहनत और देशभक्ति से,
प्रथम चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का खिताब पाया है।
तभी तो फौज वालो ने,
इनके कंधो पर चार सितारा चमकाया है।
अमर हो कर प्रथम सीडीएस ने,
हम सबको ये सिख सिखाया है।
किस तरह उनके बहादुरी के सामने,
यमराज ने भी शीश झुकाया है।
मिट गए वतन के सेवा करते करते,
परिवार के साथ कहां समय बिताया है।
जो भारत वासियों को ही अपना परिवार समझे,
उसी ने तो सारे उपाधि पाया है।
.....
ऊपर वाला भी हार माना है।
आखिरकार पहाड़ियों से टकराकर,
इन्हें शहीद का ताज पहनाया है।
फौज की शान, फौज की मान बढ़ाया है,
हम सब को फौज में जाने को उकसाया है।
जो कर ना सका और कोई,
वो बिपिन रावत ने कर दिखाया है।
अपने मेहनत और देशभक्ति से,
प्रथम चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का खिताब पाया है।
तभी तो फौज वालो ने,
इनके कंधो पर चार सितारा चमकाया है।
अमर हो कर प्रथम सीडीएस ने,
हम सबको ये सिख सिखाया है।
किस तरह उनके बहादुरी के सामने,
यमराज ने भी शीश झुकाया है।
मिट गए वतन के सेवा करते करते,
परिवार के साथ कहां समय बिताया है।
जो भारत वासियों को ही अपना परिवार समझे,
उसी ने तो सारे उपाधि पाया है।
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