बच्चे के किलकारी से,
ये आंगन गूंज उठा है।
नन्हें बालक के आने से,
इनका बंधन और भी मजबूत हो रहा है।
अपने छोटे हाथ से जो उंगली थामा पिता का,
गर्व से उनका सीना चौड़ा हो गया।
नन्हें जान के आने से,
इनका परिवार पूरा हो गया।
इसके किलकारी से,
सब त्जो ताजा हो जाता है।
यदि हो जाए ये उदास तो,
पूरा घर में सन्नाटा छा जाता है।
दादा का पगड़ी का सम्मान और
दादी की खुशियों का चाबी है।
अपने नन्हें कदमों से रौनक ला दे,
इस प्रकार यह घर में होने वाला हावी है।
लाड प्यार में तो कमी नहीं,
भले चॉकलेट इसका आधा होगा।
बुआ का नाम ना लेना बेटा,
तुम्हारे नादानियों में इनका भी हाथ होगा।
ऊपर नीचे आगे पीछे,
चारों और इसके कदमों का आहट होगा।
तौर फोड़ हो या खेल कूद,
इसमें चचेरे भाई बहनों का भी साथ होगा।
परिवार का लाडला,
अपने पिता का मान होगा।
आज इसका पहचान पिता से,
कल को इसके वजह से उनका नाम होगा।
मां के आंचल में छिप,
अपनी सैतानियो से बच जाएगा।
ममता के सागर का सपना,
समय आने पर साकार करेगा।
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