रहे सब चाहे कितने भी व्यस्त,
तुम्हारे लिए समय निकाल ही लेता है।
साफ सफाई हो या सज्जा सजावट,
सब तेरे स्वागत में लग जाता है।
हर बच्चे के जुवान पर,
बस तेरा ही नाम रहता है।
टीचर से भी पहले,
सब तेरा ध्यान रखता है।
तुझे जो प्रिय है,
सब तेरे बाद ही खाता है।
एग्जाम के वक्त भी
तेरा ही याद आता है।
तुम चाहे सबसे,
साल में एक दिन मिलते हो।
किंतु अपने पसंद के जगहों पर,
प्रियजनों के लिए हर वक्त रहते हो।
हर बच्चे का तुम ही हो,
उसके बचपन का प्यार।
क्योंकि ज्ञान की देवी ही
कर सकती है उसका उद्धार।
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