Sunday, September 15, 2024

मिलन का उत्साह


एहसास तुम्हारे आने का,

तुम्हारे आने से पहले हो जाता है।

कहने को कुछ पल ही बात करूं,

पर सारा दिन तेरे ख्यालों में बीत जाता है।

 

मिलन के उत्साह को,

यह दिल कैसे समझ जाता है।

मैं चाहे लाख समझाऊं,

इसे मेरी बात कहां समझ आता है।

 

दिल धक धक करता है,

तेरे लिए मेरा नयन भी तरसता है।

एक बार बस तेरा दीदार हो जाए,

फिर यह चेहरा गुस्सा में भी हंसता है।

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