सब मुझपर करते है गुमान,
दिल से करता हूँ मैं उनका सम्मान।
भरोसा रखते है जो मुझपर,
तोडूंगा ना उसको, होगा सबका कल्याण।
बहुत लोग तो भटक जाते है,
इतने नाम सम्मान पाने से।
मैं तो स्थिर हूँ अपने निर्णय पर,
कोई रोक ना सकता मुझे मुकाम पाने से।
क्यों ना हो मुझे खुद पर गुमान,
जब मैं रखता हूँ सबका मान।
परिस्थिती चाहे हो कैसी भी,
सबसे पहले आएगा दूसरों का आत्म सम्मान।
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