माँ-बाप की सेवा,
और बच्चों का आदर करो।
अपनों के साथ वक़्त गुज़ार,
सब का मनोरंजन करो।
अगर कुछ नहीं कर पाते हो,
अपने रोजमर्रा वाले जीवन के कारण।
यही तो उचित समय है,
उसे पूरी करो कोरोना के कारण।
बच्चे अपने पढ़ाई के कारण,
अपनी कला को दबा देते है।
बड़े अपने जिम्मेदारी के कारण,
अपनों को समय देना भूल जाते है।
बहुत खुशनसीब हो तुम,
जो जिन्दगी दे रहा है तुम्हे मौका।
कर लो अपने शौक पूरे,
अभी तुम्हे किसने है रोका?
चित्र बनाओ या कविता लिखो,
नृत्य करो या संगीत सीखो।
इतने दिनों घर में बैठ कर,
तुममें जो क्षमता है उसे जगाओ।
फ़िर तो वहीं भाग दौड भरी जिन्दगी होगी,
अपने तो रहेंगे पर अपनों की कमी होगी।
कुछ दिन तो मिला है शाँति का
क्योंकि फिर तो वहीं दिनचर्या होगी।
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