लॉकडाउन समाप्त होने के बाद,
सब एक साथ निकल जाएंगे घर से बाहर।
ना जाने देश में कोरोना का हाल,
सब मनाने लगेंगे खुशियाँ आपार।
सब २१ दिनों तक घर में कैद है,
तब सब मनाने लगेंगे आजादी।
इतने दिनों तक कोरोना से दूर रहे,
तब नासमझी से हो सकती है सबकी बर्बादी।
कुछ लोग तो बस पीएम का आदेश मानते है,
ना समझ कर उनकी बातो की गहराई।
मुश्किल प्रतिबंध नहीं, ये बीमारी है,
ये ना समझ कर लोग बढ़ा देंगे कठिनाई।
ये बात अलग है कि देश का हाल और बुरा होगा,
फर्क अमीरों पर भी पड़ेगा लेकिन गरीब भूखा सोएगा।
काश ये कोरोना हर इंसान की इंसानियत जगा दे,
धर्म-जाति का भेदभाव हटा, सबको एक बना दे।
अगर सब ये बात समझ जाए कि सिर्फ वो नहीं,
सारे विश्व में हो रहा है इसका असर।
तब ही हो सकता है कि सब मिलकर ,
हरा दे बीमारियों को , और भूखमरी का कहर।
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