बहुत आसानी से कोई किसी को भी दे देते हैं,
बिना किसी शुल्क, मिल जाता है ये निशुल्क।
कभी किसी का भर जाता है इससे घाव,
तो कभी उस पर भारी पड़ जाता है किसी का सुझाव।
हम दूसरों को हमेशा देते रहते हैं अपनी राय,
पर बात खुद की हो तो, नहीं लगा पाते हैं उपाय।
अपनी कमी को तो सुधार नहीं पाते,
और दूसरों की गलती पर चुप नहीं होते बिन नीचा दिखाए।
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