उसके आने की खबर सुन,
मैं तो बावली हो गई।
पढ़ाई-लिखाई छोड़ कर,
मैं तो सजने-संवरने लगी।
अपने दोस्तो के सामने,
मेरी तो हँसी-ठिठोली हो गई।
सामने कॉपी और हाथ में कलम लिए,
मैं उसके ख्यालो मैं खो गई।
कई महीनो से उसे देखने की चाह,
अब होने जा रही हैं पूरी।
घूमना-फिरना, मौज-मस्ती,
सोचते रहती, कुछ रह ना जाए अधूरी।
हाल, पार्क हो या क्लब, रेस्टरां,
यारों की तरह अब मैं भी घूमूँगी।
उसके आने से ले कर जाने तक,
हर पल उसके साथ रहूँगी।
*****