यारो का हमेशा रहा है साथ,
घरवालों का भी है मेरे सर पर हाथ
फिर भी ना जाने क्यों ऐसा लगता है,
उसके बिना जिन्दगी आसान नहीं।
क्या ये सच है या है कोई भ्रम
उसके पीछे हूं पागल या है ये मेरा पागलपन।
आदत हो गई है उसकी या ढूंढ रहा हूं कोई फायदा,
क्या मुझे और कोई नहीं भाएगा उससे ज्यादा।
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