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Monday, September 2, 2024

गूंज

वो बातें,
जिसे मैं तभी नजरंदाज करता था।
आज वो सब बात,
मेरे कानों में जोर जोर से गूंजता है।

हां, तभी मैं नादान था,
दुनिया के हकीकत से अनजान था।
कब कौन किस मोड़ पर साथ छोड़ दे,
यह सब का मेरे दादा जी को अच्छी तरह ज्ञान था।

उनकी हर बात का मतलब,
उनके जाने के बाद समझ आ रहा है।
जो दादा के कहानियों में जो हुआ करता था,
आज हकीकत में हमारे जिंदगी में हो रहा है।

शुक्रिया दादा जी,
जो आपने मुझे आज के लिए तैयार किया।
आपकी कही हर बात ध्यान में रख,
मैंने भी जीवन का हर परीक्षा पार किया।

 
*****

 


Tuesday, April 16, 2024

विवाह


मेहंदी सजी थी हाथों में,
बदन पर हल्दी लगा था।
कोई उसके लिए घोड़ी चढ़ा है,
ऐसा उसे देख कर ही लग रहा था।

आंगन में फूल सजा है,
भाई बहन उसके काम पर लगा है।
रिश्तेदारों की नोक झोंक के बीच,
घर का माहोल पूरा आनंद मय बना है।

चेहरे पर डर, चिंता 
तो कभी खुशियां दिख रहा है।
इनके मां बाप को देख,
कुछ ऐसा ही लग रहा है।

इनकी बात पसंद, ना पसंद,
की बातों से अब काफी आगे बढ़ा है।
दोनों एक दूसरे के साथ,
साथ जन्मों का वचन पढ़ा है।

नए घर, नए संसार,
दुल्हन को जाने का वक्त हो चला है।
जिसे अपनी गोद में खेलाया था,
अब उसे विदा कर रहा है।

*****


 

Wednesday, April 10, 2024

क्रिकेट का रोमांच

 

फिर शुरुआत हो गया,

क्रिकेट का वहीं रोमांच।

जब विरूद्ध होंगे एक दूसरे के,

धोनी, रोहित और विराट।


पल भर में हार से जीत हो जाए,

तो छन में मैच का पासा पलट जाए।

कोई विकेट लेने की लड़ी लगाए,

तो कोई छक्के का बौछार कर जाए।


एक महीनों का है ये त्योहार,

ना कोई देश ना कोई विश्व का वार।

जो ना भी हो क्रिकेट प्रेमी,

वो भी हो जाते, मैच देखने को तैयार।


रोमांच का हर सीमा पार कर दे,

हर मैच में कोई नया रिकॉर्ड जड़ दे।

ऐसा ही है ये खेल आईपीएल का,

क्रिकेट प्रेमी में नई ऊर्जा भर दे।


*****

 


Thursday, March 14, 2024

आसान नहीं


 
हां मुस्किल है,

तुझे रोता छोड़,

मेरा यूं 

तुमसे विमुख हो जाना।


तेरे हस्ते खिलखिलाते चेहरे पर,

मेरे वजह से यूं असरु बहना।

हां मेरे लिए भी आसान नहीं,

तुझे यूं तरपाना।


क्या करू, तेरे लिए यह जरूरी भी तो है।

ना चाहते हुए भी तुझे खुद से दूर करना पड़ता है।

तेरे भविष्य के लिए ही,

तुम्हारा ह्रदय दुखाना पड़ता है।


अभी नहीं, पर तुम भी एक दिन समझोगे।

क्यों हमे तुझे इतना कष्ट देना पड़ता है।

वो तुझे दूर ले जाता है तो,

मेरे मन को भी कितना आहत पहुंचता है।


बाबू, तुम्हारे अच्छे शिक्षा के लिए,

हमे तुम्हें विद्यालय भेजना पड़ता है।

तुम्हारे शिक्षक तुम्हें आगे बढ़ाएंगे,

इसलिए हमे भी अपने मन को समझाना पड़ता है।


*****



 

Tuesday, February 27, 2024

निंदिया रानी


आजा रे निंदिया रानी,

रात हो गई अंधेर।

बबुआ को सुला दे,

कहीं हो ना जाए देर।


चांदनी टीम-टिमा रही है,

फिर भी इसकी आंखे है खुली।

सुला दे ना हो रात रानी,

क्या तुम्हें नींद उड़ाने को और कोई नहीं मिली?


कैसे डरा कर सुलाऊं इसे,

यह तो सब कुछ समझती है।

दिन भर मोबाइल देखकर,

खुद भूत-भूत ही खेलती है।


बच्ची को सुला कर,

मुझे भी करना है बाकी बचा काम।

फिर मुझे भी तो सोना है,

लेकर प्रभु का नाम।


*****


Wednesday, February 14, 2024

बचपन का प्यार


रहे सब चाहे कितने भी व्यस्त,

तुम्हारे लिए समय निकाल ही लेता है।

साफ सफाई हो या सज्जा सजावट,

सब तेरे स्वागत में लग जाता है।


हर बच्चे के जुवान पर,

बस तेरा ही नाम रहता है।

टीचर से भी पहले,

सब तेरा ध्यान रखता है।


तुझे जो प्रिय है,

सब तेरे बाद ही खाता है।

एग्जाम के वक्त भी 

तेरा ही याद आता है।


तुम चाहे सबसे,

साल में एक दिन मिलते हो।

किंतु अपने पसंद के जगहों पर,

प्रियजनों के लिए हर वक्त रहते हो।


हर बच्चे का तुम ही हो,

उसके बचपन का प्यार।

क्योंकि ज्ञान की देवी ही

कर सकती है उसका उद्धार।


*****


 

Saturday, January 27, 2024

नन्हें बालक


बच्चे के किलकारी से,

ये आंगन गूंज उठा है।

नन्हें बालक के आने से,

इनका बंधन और भी मजबूत हो रहा है।


अपने छोटे हाथ से जो उंगली थामा पिता का,

गर्व से उनका सीना चौड़ा हो गया।

नन्हें जान के आने से,

इनका परिवार पूरा हो गया।


इसके किलकारी से, 

सब त्जो ताजा हो जाता है।

यदि हो जाए ये उदास तो,

पूरा घर में सन्नाटा छा जाता है।


दादा का पगड़ी का सम्मान और

दादी की खुशियों का चाबी है।

अपने नन्हें कदमों से रौनक ला दे,

इस प्रकार यह घर में होने वाला हावी है।


लाड प्यार में तो कमी नहीं,

भले चॉकलेट इसका आधा होगा।

बुआ का नाम ना लेना बेटा,

तुम्हारे नादानियों में इनका भी हाथ होगा।


ऊपर नीचे आगे पीछे,

चारों और इसके कदमों का आहट होगा।

तौर फोड़ हो या खेल कूद,

इसमें चचेरे भाई बहनों का भी साथ होगा।


परिवार का लाडला,

अपने पिता का मान होगा।

आज इसका पहचान पिता से,

कल को इसके वजह से उनका नाम होगा।


मां के आंचल में छिप,

अपनी सैतानियो से बच जाएगा।

ममता के सागर का सपना,

समय आने पर साकार करेगा।


*****


 


 

Friday, January 12, 2024

अपने ह्रदय में राम रखना


राम नाम का जाप कर प्यारे,

राम से ही सब सुख पाएगा।

अच्छे कर्मों का फल मिलेगा,

बुरा वक्त भी कट जाएगा।


दर्शन करने अयोध्या जाओ,

अपने आप को धन्य बनाओ।

जीवन के उतार-चढ़ाव के बिच,

राम लला के चरणों में सुकून पाओ।


मदद करने दौरे जाओ,

सबको सनातन का पाठ सिखाओ।

माता पिता का पूजन कर,

अपने घर को ही स्वर्ग बनाओ।


बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाओ,

खुद की गलती पर शीश झुकाओ।

वक्त हो कैसा भी पर,

सुग्रीव के तरह दोस्ती निभाओ।


स्त्री की इज्जत करना भाईयो,

कलयुग में ना रावण से बुरा बन जाना।

अपने अहंकार पर संयम रखना,

दूसरों को हराने के चक्कर में ना खुद गिर जाना।


केवल महिलाएं ही नहीं, सभी यह ध्यान रखना,

घर की मर्यादा को कभी ना पार करना।

आयेंगे चाहे कितने भी बेहरूपिये,

तुम बस अपने ह्रदय में राम रखना।


*****


 

Tuesday, August 15, 2023

प्रथम सीडीएस

 


दुश्मन मार ना सका इन्हें,
ऊपर वाला भी हार माना है।
आखिरकार पहाड़ियों से टकराकर,
इन्हें शहीद का ताज पहनाया है।

फौज की शान, फौज की मान बढ़ाया है,
हम सब को फौज में जाने को उकसाया है।
जो कर ना सका और कोई,
वो बिपिन रावत ने कर दिखाया है।

अपने मेहनत और देशभक्ति से,
प्रथम चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का खिताब पाया है।
तभी तो फौज वालो ने,
इनके कंधो पर चार सितारा चमकाया है।

अमर हो कर प्रथम सीडीएस ने,
हम सबको ये सिख सिखाया है।
किस तरह उनके बहादुरी के सामने,
यमराज ने भी शीश झुकाया है।

मिट गए वतन के सेवा करते करते,
परिवार के साथ कहां समय बिताया है।
जो भारत वासियों को ही अपना परिवार समझे,
उसी ने तो सारे उपाधि पाया है।

.....

Friday, July 28, 2023

पहला कदम

 

चल पड़ो तुम,
अपने सपनो पर भरोसा रख।
अपनो को गर्व हो,
कुछ ऐसा करने का हौसला रख।

माना की मुस्कील हो सकता है सफर,
तू डर मत शुरुआत कर।
सही समय पर पहला कदम बढ़ा,
अपने ख्वाबों के राह को तैयार कर।

तेरा सपना तुझे ही पूरा करना है,
उम्मीद ना रख औरों से।
देख कर तेरे मुकाम को,
अपने ही तेरा पता पूछेंगे गैरो से।

लोग डराएंगे, बहलाएंगे,
तू चलते जाना भटकना मत।
जो खुद कुछ कर न सके
उनकी बहकावे पर आना मत।

योजना बना, बड़ो से सलाह ले,
किंतु तुम्हे जो सही लगे वही करना।
काफी अर्चन आएगा प्रारंभ में,
तुम हिम्मत रख आगे बढ़ना।

*****


Thursday, June 22, 2023

विरह


 
कहते है प्यार किया नहीं जाता
हो जाता है।
और अपने जाति में ही प्यार करने वाला
खुद को भाग्यशाली मानता है।

प्यार हुआ मुझे उससे,
जैसे ही पता चला हम एक समाज के है।
बात बढ़ी, नजदीकिया बढ़ी,
क्योंकि हमे ना भय हमारे भविष्य के है।

ना रौका मैने खुद को,
ना उसे अपने आप से दूर होने दिया।
रूठने मनाने का सफर भी,
हमने हंसी खुशी पार कर लिया।

बात किया, हर पल साथ दिया,
फिर भी हमारे रिश्ते में दरारें आई।
समय आने पर मैने उसे वक्त भी दिया,
फिर भी वो मेरे साथ रुक ना पाई।

एक समाज के होने के बावजूद,
हम हमेशा के लिए एक हो ना सके।
परिवार साथ दे या ना दे,
हम ही एक दूसरे का साथ निभा ना सके।

*****

Sunday, June 11, 2023

उम्र

 
 
किसी उम्र में भी
नहीं मिलता चैन और करार,
वही सरल लगता है
जो हो जाता है पार।

बचपन में पढ़ाई,
या फिर हो जाए आपस में वार।
हमे जल्दी रहती है,
की कब हम होंगे होशियार।

जवानी में करियर की चिंता
या फिर नहीं मिलता सच्चा प्यार।
सब अपने आप में लेती है परीक्षा,
रख कर गले में तलवार।

अधेड़ में परिवार या
आगे चल कर बच्चों का संसार।
जीवन में रहती ही है समस्या,
चाहे रहो तुम कितने भी तैयार।

बुढ़ापे में फिर अकेलापन,
या फिर दवाई का रहता है भरमार।
तंग आ जाते है जीवन से,
और जाना चाहते है हरिद्वार।

जिंदगी जीने के दिन है
केवल चार
गिला शिकवा भूल कर
हंसी खुशी गुजार लो यार।

*****

Tuesday, May 16, 2023

अकेलापन


घोर सन्नाटा में भी,

मेरे अंदर शोर होता रहता है।
सब कुछ ठीक ठाक,
फिर भी मन बैचन रहता है।

हंसता हूं, मुस्कुराता हूं,
किंतु मन अंदर से उदास रहता है।
ना किसी से मन मुटाव,
फिर भी दिमाग खराब रहता है।

आस पास काफी भीड़ है,
फिर भी मैं खुद को तन्हा पाता हूं।
अपने अकेलापन से ही,
शायद मैं परेशान रहता हूं।

 

***** 

 

वक्त बदल जाएगा


आज गम है तो क्या,
कल खुशी जरूर आएगा।
सोचना क्या,
जो भी होगा देखा जायेगा।

रात के अंधेरे के बाद,
कल सुबह फिर सूर्य निकलेगा।
अच्छा हो या बुरा,
तुम्हारा भी वक्त बदल जाएगा।

धैर्य रखो,
तुम्हारा समय भी आएगा।
अपना कर्म किए जा,
फल अपने आप आएगा।

 

***** 

अस्पताल के बिस्तर से

 

भाग दौड़ भरी जिंदगी में,
एक पल ना आराम किया।
अपने लिए कुछ कर ना सका,
दूसरों के लिए हर पल जिया।

ना खुश है मेरे अपने,
जबकी मैने उन्हें हर चीज दिया।
अब भी शिकायत है उन्हें,
जिन्हें ना मैने ठीक से वक्त दिया।

अपना सपना भुल,
अपनों का जिम्मेदारी लिया।
खुद का कुछ लक्ष्य था,
उसे भी में समय रहते हासिल ना किया।

अस्पताल के बिस्तर से,
लगता है जीवन व्यर्थ चला गया।
जब से होश संभाला है,
अपने खुशी के लिए कुछ नहीं किया।

 

*****